यदि आप किसी संस्था द्वारा लुभावने वादों के सहारे कहीं छुट्टियाँ बिताने की सोच रहे तो एक नज़र इस खबर पर भी डाल लें। जिसके अनुसार, सिकंदराबाद उपभोक्ता अदालत में एक मामला आया था, जिसमें सिकंदराबाद के ही पार्थसारथी दंपत्ति को आरसीआई इंडिया नामक एक संस्था द्वारा गेमावत रिजॉर्ट के ‘द विलेज’ नामक जगह पर छुट्टी बिताने का आमंत्रण मिलने के बाद बेहतर सेवा और किफायती दाम के वादे पर यकीन करते हुए पार्थसारथी दंपति ने द विलेज में स्टूडियो अपार्टमेंट बुक कराया। पार्थसारथी दंपति जब वहां पहुंचे तो उन्होंने पाया कि कंपनी ने वादे के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं।
बाद में जब दंपति ने आरसीआई इंडिया को नोटिस भेजा तो उसने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि उसका और गेमावत रिजॉर्ट का व्यावसायिक संबंध अब खत्म हो गया है। इस पर जिला उपभोक्ता अदालत ने आरसीआई की इस दलील को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने इस धोखाधड़ी में आरसीआई इंडिया और गेमावत रिजॉर्ट दोनों को कसूरवार माना और कहा कि भले ही गेमावत रिजॉर्ट ने पार्थसारथी दंपति से पैसे वसूले, लेकिन उसका कमीशन आरसीआई को भी मिला है। अदालत ने पार्थसारथी दंपति द्वारा दिए गए 1,15,175 रुपये नौ फीसदी ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने 10,000 रुपये मुआवजा और 1,000 रुपये अदालती खर्च का भुगतान भी करने के आदेश दिए। इस मामले में दोनों कंपनियों की पुनरीक्षण याचिका राज्य और शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने भी खारिज कर दी।-Adalat, Posted: 01 Feb 2012 09:11 PM PST
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