नई दिल्ली| बैंक अपने उपभोक्ता से अगर कोई सुविधा देने का वादा करता है, लेकिन वादा पूरा नहीं करता है तो वह जुर्माना भुगतने का हकदार है। यह टिप्पणी करते हुए सेंट्रल दिल्ली उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष बीबी चौधरी ने एक प्राइवेट बैंक प्रबंधन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आदेश के अनुसार बैंक प्रबंधन से मिलने वाली जुर्माना राशि शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी।
क्रेडिट कार्ड नहीं देना सेवा दोष, पेश मामले में जनकपुरी निवासी स्वर्णजीत सिंह ने उपभोक्ता फोरम में एक निजी बैंक के प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में स्वर्णजीत का कहना था कि उसने बैंक से लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड 2800 रुपये में खरीदा था। उनका यह क्रेडिट कार्ड 23 अगस्त 2006 को गुम हो गया। इस संबंध में उन्होंने बैंक के कस्टमर केयर पर फोन करके नया क्रेडिट कार्ड देने के लिए आवेदन किया, मगर बैंक ने उसे क्रेडिट कार्ड नहीं दिया। इसके बाद उसने 18 सितंबर 2006 को लिखित में नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया, मगर फिर भी बैंक प्रबंधन ने उसे नया क्रेडिट कार्ड नहीं दिया। इसी तरह से बैंक के चक्कर काटते-काटते उसे पूरा एक साल बीत गया, मगर उसे नया कार्ड नहीं दिया गया। अंत में उसे परेशान होकर उपभोक्ता फोरम की शरण लेनी पड़ी। स्त्रोत : जागरण, १२.११.११
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