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Thursday, 17 November 2011

इलाज में लापरवाही मुआवजा : पत्नी की मौत पर अमेरिकी डॉक्टर को 1.73 करोड़ रुपये मुआवजा!

नई दिल्ली। भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर को शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने मुआवजे के तौर पर 1.73 करोड़ रुपये देने का फैसला सुनाया है। डॉक्टर की पत्नी की मई, 1998 में कोलकाता के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण मौत हो गई थी। लापरवाही के मामले में भारत में मुआवजे की यह रिकार्ड धनराशि है। 

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने आदेश दिया है कि मुआवजे की राशि महिला के इलाज में लगे तीन चिकित्सकों और उस अस्पताल को देनी होगी जहां उसे भर्ती कराया गया था। आयोग ने मुआवजे की राशि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्धारित की है। भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर कुणाल साहा की पत्नी अनुराधा [बाल मनोविज्ञानी] मार्च, 1998 में छुट्टियों पर अपने मूल निवास कोलकाता आई थीं। 25 अप्रैल को उनकी त्वचा पर कुछ चकत्ते उभरे। इस पर उन्होंने डॉ. सुकुमार मुखर्जी से संपर्क किया। मुखर्जी ने बिना कोई दवा लिखे उन्हें आराम करने की सलाह दी। चकत्ते बढ़ने पर अनुराधा ने 7 मई को मुखर्जी से फिर परामर्श लिया। इस बार उन्होंने इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी। लगातार इंजेक्शन लगवाने से अनुराधा की स्थिति खराब होने लगी। लिहाजा 11 मई को उन्हें डॉ. मुखर्जी की देखरेख में कोलकाता के जानेमाने अस्पताल एडवांस्ड मेडिकेयर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया। वहां तीन चिकित्सकों की निगरानी में अनुराधा का इलाज शुरू हुआ। हालत और बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 28 मई को उनकी मौत हो गई। इसके बाद डॉ. साहा ने अस्पताल, वहां के चिकित्सकों और डॉ. मुखर्जी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2009 में इंफोसिस के इंजीनियर प्रशांत एस धननका के इलाज में लापरवाही के मामले में एक करोड़ रुपये मुआवजे का आदेश दिया था। प्रशांत की सर्जरी हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हुई थी, जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी खराब हो गई थी। इस वर्ष जून में प्रशांत की मौत हो गई। स्त्रोत : जागरण, २२.१०.११

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