यदि आपका कोई अपना या परिचित पीलिया रोग से पीड़ित है तो इसे हलके से नहीं लें, क्योंकि पीलिया इतन घातक है कि रोगी की मौत भी हो सकती है! इसमें आयुर्वेद और होम्योपैथी का उपचार अधिक कारगर है! हम पीलिया की दवाई मुफ्त में देते हैं! सम्पर्क करें : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा-98750-66111

Sunday 6 May 2012

सीवरेज-पेयजल कनेक्शन न देने पर 25 हजार जुर्माना

सीवरेज-पेयजल कनेक्शन न देने पर 25 हजार जुर्माना
Jagran, Updated on: Sun, 06 May 2012 12:25 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बरनाला

नगर कौंसिल बरनाला को एक उपभोक्ता को सीवरेज व पेयजल सप्लाई के कनेक्शन जारी नहीं करना महंगा पड़ा। जिला उपभोक्ता फोरम ने कौंसिल के अनुचित व्यवहार के बदले उसे 25 हजार रुपये हर्जाना व तुरंत कनेक्शन जारी करने के आदेश दिए हैं।

सीनू बाला पत्नी जीवन कुमार निवासी नजदीक रामा आइस फैक्टरी बरनाला ने विगत वर्ष पांच दिसंबर को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम में केस दायर करके बताया कि उसने पंद्रह मार्च 2010 को रणधीर सिंह पुत्र हरदेव सिंह निवासी बरनाला से एक मकान खरीदा था। इसका नक्शा नगर कौंसिल बरनाला ने पंद्रह अक्टूबर 2008 को कौंसिल फीस 22 हजार 299 रुपये लेकर पास किया था। सीनू बाला ने कहा कि खरीदे गए मकान में जाने से पहले उसने नगर कौंसिल से सीवरेज व पेयजल सप्लाई के कनेक्शन जारी करने को अर्जी दी। नगर कौंसिल ने यह कहते हुए कनेक्शन जारी करने से इन्कार कर दिया कि मकान का निर्माण गैर मंजूरशुदा कालोनी में है।

इस पर सीनू बाला ने उपभोक्ता फोरम में केस दायर करके इंसाफ की गुहार लगाई। फोरम के प्रधान जज संजीव दत्त शर्मा की खंडपीठ ने नगर कौंसिल के ईओ, एसडीओ सीवरेज व पेयजल सप्लाई विभाग तथा डीलिंग हेड कृष्ण चंद को सम्मन जारी करके जबाव तलब किया। दोनों पक्षों की दलीलों के बाद फोरम ने अपने निर्णय में कहा कि नगर कौंसिल व उक्त दोनों अधिकारियों ने अपने जबाव में कहा है कि उपभोक्ता का मकान अवैध कालोनी में निर्मित होने के कारण कनेक्शन जारी नहीं किया। लेकिन कौंसिल द्वारा मकान का नक्शा फीस लेकर पास करने का उनके पास कोई जवाब नहीं था।

फोरम ने शिकायतकर्ता की दलीलों से सहमत होकर कौंसिल के व्यवहार को अनुचित करार देते हुए उपभोक्ता को 25 हजार रुपये हर्जाना तथा 5 हजार रुपये केस खर्च के तौर पर 30 दिनों के भीतर अदा करने के आदेश दे दिए। फोरम ने कौंसिल को सीवरेज व पेयजल के कनेक्शन तथा एनओसी तुरंत जारी करने का आदेश दिए हैं। फोरम ने आदेश में यह भी लिखा कि अगर निकाय विभाग चाहे तो संबंधित अधिकारियों के वेतन से हर्जाना तथा केस खर्च की राशि काट सकता है।

1 comment:

Followers